राजस्थान के प्रमुख अभिलेख (शिलालेख) Rajasthan Ke Pramukh Abhilekh Shilalekh: राजस्थान में कई प्रमुख अभिलेख (शिलालेख) हैं जो राज्य की समृद्ध इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं। कुछ प्रमुख अभिलेखों के नाम यहाँ दिए गए हैं:
राजस्थान के प्रमुख अभिलेख (शिलालेख) के नाम
1. अशोक के शिलालेख (कलात्मक हस्तशिल्प), जयपुर
2. ब्रह्मगिरि शिलालेख, बूंदी
3. खानवा का युद्ध शिलालेख, जयपुर
4. राणकपुर शिलालेख, पाली
5. शेरगढ़ शिलालेख, अलवर
6. तारागढ़ शिलालेख, अजमेर
7. चित्तौड़गढ़ शिलालेख, चित्तौड़गढ़
8. मेवाड़ शिलालेख, उदयपुर
9. धुलिकापतन शिलालेख, धुलिकापतन
10. बीजोलिया शिलालेख, बीजोलिया
इन अभिलेखों में से अधिकांश राजस्थान के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं, और वे राज्य की विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करते हैं।
1.घोसुण्डी शिलालेख- घोसुण्डी (चितौडगढ)
यह शिलालेख ब्राह्मी व संस्कृत भाषा में लिखित है, इसमें गजवंश के पुत्र सर्वतात द्वारा अश्वमेध यज्ञ का वर्णन है।
2. नाथ प्रशस्ति- कैलाशपुरी (उदयपुर)
यह प्रशस्ति एकलिंगजी के मंदिर के पास लकुलिश मंदिर में स्थित है।
3. हर्षनाथ प्रशस्ति-
हर्षनाथ मंदिर,सीकर इस प्रशस्ति के अनुसार हर्षमंदिर का निर्माण विग्रहराज के सामंत अल्लट नें करवाया। चौहानो के वंशक्रम का वर्णन है।
4.बिजौलिया शिलालेख- बिजौलिया (भीलवाडा)
इसमें सांभर व अजमेंर के चौहानों का वर्णन है। चौहानों को वत्सगौत्रिय ब्राह्मण बताया है।सांभर झील का निर्माण वासुदेव चौहान द्वारा होना बताया है।
इस प्रशस्ति के रचयिता- गुणभद्र व लेखक कायस्थ केशव है।
5. चीरवा का शिलालेख- चीरवा (उ रीदयपुर)
इसमें बप्पा रावल के वंशजो का वर्णन है।
इसका मंडन सन् 1272 में रत्नप्रभसुरि नें किया।
6. रणकपुर प्रशस्ति- चौमुखा मंदिर (पाली)
इस प्रशस्ति में कालभौज व बप्पा रावल को अलग-अलग व्यक्ति बताया है।
7. राजप्रशस्ति- राजसमंद
राजसमंद झील के नौ-चौकी पाल पर 25 शिलालेखो में विश्वका सबसे बड़ा शिलालेख इतिहास है।
इसमें बप्पा रावल से राजसिंह तक का वर्णन है।
अमरसिंह द्वारा मुगलो के साथ की गई संधि का भी वर्णन है।
रचयिता- रणछौडभट्ट तैलंग
8. कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति- चितौडदुर्ग
9. जैन कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति- चितौडदुर्ग
10 रायसिंह प्रशस्ति- बीकानेर
इसमें बीकानेर दुर्ग का निर्माण तथा बीका से रायसिंह तक का वर्णन है।
रचयिता- कृष्ण भट